देश की माताओं ,देश की बेटियों ,बढ़ायो कदम पुरुषों के संग:कमलेश चौहान (गौरी) COPY RIGHT AT: Kamlesh Chauhan ( Gauri
देश की माताओं ,देश की बेटियों ,बढ़ायो कदम पुरुषों के संग
कमलेश चौहान (गौरी) कापी राइट @कमलेश चौहान
कश्मीर की वादियों से, हिमालय की चोटियों से, एक आवाज आएँगी
पंजाब के हरे भरे खेतों से, मंदिरों , गुरद्वारों की धुन यह सदा सुनायेंगी
कमलेश चौहान (गौरी) कापी राइट @कमलेश चौहान
कश्मीर की वादियों से, हिमालय की चोटियों से, एक आवाज आएँगी
पंजाब के हरे भरे खेतों से, मंदिरों , गुरद्वारों की धुन यह सदा सुनायेंगी
नदियों से झरनों से, झीलों से मधुर संगीत की ध्वनि सुनायी देगी
ऊँचे ऊँचे पेड़ों से , बाग़ और बगीचों की धरती गुनगुनाती रहेगी
होगा मेरा भारत महान , बनेंगी भारत माता मेरी आन मेरी बान
गाड़ दो तिरंगा आसमान में हो जायेंगा तिरंगा सबकी जान
शहीदों का खून बहा है देती है आवाज देश की हर सरहंद
कुछ वर्ष पहले जब करगिल पर देश के दुश्मनो ने अतल भाजपाई की पीठ पर छुरा घोंपा था , तो उस वक़त मैंने यू ही बैठे बैठे अपनी नोटबुक यह ख्याल लिखा था। इसको मैंने आज तक संवारा नहीं, ना ही किसी से सहायता मांगी थी इसको सुधारने की. अक्सर जो मेरी कविता सुधारते है मेरी कविता को सुझाव और सुधारने के लिये उनकी मैं हमेशा आभारी रहती हुँ। लेकिन मेरी कविता का अधिकार उन्हें नहीं देती। इसलिए आप मेरी कविता में कोई त्रुटि पाये तो आप अपना ख्याल दे सकते है। मेरे साधारण शब्दों को अच्छे से लफ्जों में बदल सकते है लेकिन कृपया मेरी कविता पर मेरा अधिकार मत छीनिए। धन्यवाद। कमलेश चौहान (गौरी)
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