शर्म आती है देश के गद्दारो के कर्म पर ( (गौरी)
शर्म आती है देश के गद्दारो के कर्म पर
भारत में रहने वाले मेरे भाई बहनों मुझे आज दुःख आता है, दया आती है उन नेताओं की संतान पर और आने वाली नस्ल पर जिनका प्रभाव देश द्रोही , गद्दार केजरीवाल , संजय निरुपम जैसे इन्सानो के तले जनम हुआ है। न तो मैं गद्दार केजरीवाल को व्यकितगत रूप से जानती हुं न ही मैं संजय निरुपम को जानती हुं। न ही मेरा कोई रिश्ता ऐसे गद्दारो से है। न मैं बी जे पी हुं न ही मैं कांग्रेस। मेरा जो भी रिश्ता है वह मेरे जन्म का रिश्ता है। न ही मैं राजनीति में हूँ? मैं अपने भारत की माटी की एक धुल हूं। वह धूल मेरा सिन्दूर हैं। मेरे माथे का तिलक है। अफ़सोस इस बात का है जो सैनिकों को सबुत देने के लिये , सरकार को सबुत देने के लिये , अपनी प्रसिद्धि के लिये , मीडिया में अपना मनहुस चेहरा दिखाने के लिये , दुश्मन देश में हीरो बनने के लिये , अपने जन्म भूमि को बदनाम करते है। क्या उनको देश की सिक्योरिटी का ध्यान नहीं आता ? उनकी नसल , उनकी औलाद वही सीखेंगी जो वह सीखा रहे है। इस पर मुझे अपने पापा की बात याद आती है जो एक भारत के सिपाही थे। जब वह अमेरिका आये तो यहां भी आकर उन्होंने एक छोटी सी कंपनी में सिक्योरिटी का काम किया। जब भगवान का संदेश उनको अपने पास बुलवाने का आया तो उन्होंने हम सब को बुलाकर कहा कि उनके अंतिम संस्कार के समय उनके शरीर को भारती तिरंगे तथा अमेरिकन झंडे से लिपटाया जाये। यह होती है माँ बाप की शिक्षा। जिसका असर आज उनकी संतान पर भी पड़ा। जब माँ बाप ही देश द्रोही हो , गद्दार हो , दुश्मन देश के हित में हो तो आप उनके बच्चों से देशभगती की आशा कर सकते है ? अब सवाल पैदा होता है , गद्दार केजरीवाल क्या सीखा रहे हो तुम अपने बच्चो को? देश द्रोह ? न तो तुम जैसे , संजय निरुपम लोगो के पास न सूरत है न सीरत और न ही ज़ुबान। भाषण देने तक देने का ढंग नहीं है। सड़क छाप हो तुम सब। वह लोग भी जो अभी तक तुम्हे सपोर्ट करते है, तुम्हारे बहकावे में आते है, वोह भी देश के दुश्मन है। तुम्हारी वजह से देश के दुश्मन ,देश की तरफ आंख उठाते है तुम जैसे लोगो की वज़ह से, शर्म करो सरहंद पर इतने सिपाही मर गए और तुम लोग अपने सैनिकों पर आक्रमण कर रहे हो? तुम जैसे कायर लोग दुश्मन की आँख तो फोड़ न पाये और हमारे सैनिको ने उनकी आँख को फोड़ा तू तुम्हारी आँखों में इतना दर्द हुवा ? काश ! मेरा विवाह सात समुन्दर पर न हुआ होता तो मई आज सेना में अवश्य भर्ती होती और अपने एक एक बच्चे को देश के लिए सरहंद पर लड़ने के लिए भेजती।
दिल्ली वालो यह आप लोगो ने क्या कर डाला ? तुमने मुफ्त बिजली और पानी के लिये देश के एक गद्दार के हवाले कर दिया। देश ने तुम्हारी जनम भूमि ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था? इतने साल कांग्रेस ने सेना के हाथ बाँध कर रखे थे और उनके सर कटवाये थे जब आज उन्होंने दुश्मन को कड़ा जवाब दिया तो तुम सैनिको का मनोबल को गिराने लग गये अपने सर्वार्थ के लिए ? यह कौन धूर्त लोग है जो सैनिको से सबूत मांग रहे है ? यह कौन लोग है जो कहते है कि तुम सेना में भर्ती क्यों होते हो ? यह कौन कलाकार है जो दुश्मन देश के कलाकारों का पक्ष ले रहे है ? न तो मैं झाँसी की रानी हु न ही दुर्गा लेकिन मैं अपनी जनम भूमि की एक छोटी सी माटी का हिस्सा हु। मैं कही भी रहू मेरा वज़ूद मेरी जन्म भूमि से जुड़ा है। अन्तिम दम तक जुड़ा रहेंगा। जिस धरती पर मई हु उस धरती के लिए भी मेरा हर कर्म उसे अपनी करम भूमि मान कर उसके भले का सोचेंगी। हम जरा सी सर्दी बर्दाश नहीं कर सकते और वोह सैनिक सर्दियों में , बर्फ में तुम्हारी रक्षा करते है ? धीक्कार है , लाहनत है ऐसे नेतायों पर जो अपनी भोली भाली जनता को सैनिको के विरुद्ध तथा सरकार के खिलाफ भड़काते है। ऐसे नेतायों की कुर्सी उनसे छीन लेनी चाहिये। ऐसे नेतायों से अस्तीफे की मांग हो। मैं भारत के प्रधान मंत्री मोदी जी जी से निवेदन करती हुं ,कृपया देश के गद्दारो की भी सर्जिकल स्ट्राइक कर डालो। समय आ चूका है इनकी सर्जिकल स्ट्राइक करने का। इनके अड्डो पर भी छपा डालने का कि कौन है इन लोगो के पीछे ? किन किन लोगो से एक वास्ता है। (गौरी)
jai hind jai bharat
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