उमर फैयाज की शहादत काबुल होगी अल्लाह की दरगाह में लेखिका : कमलेश चौहान ( गौरी)
उमर फैयाज की शहादत काबुल होगी अल्लाह की दरगाह में
लेखिका : कमलेश चौहान ( गौरी)
लेखिका : कमलेश चौहान ( गौरी)
कैसे उठें होंगे उन शैतानो के हाथ एक मासूम के जिसम पर
क्या गुजरी होगी उसकी माँ के दिल जिगर दिमाग पर
माँ की चीखें गूँजती रही , कूंचो में , गलियों में दीवारों में
किसी बहिन की फ़रियाद रोती रही इन्सानियत की भीड़ में
तुम फरेब से उस मासुम को फुसलाकर अपने खेमे में ले गये
नापाक हाथों से उस बेगुनाह पर जुलम की गोली बरसाते गये
जिसकी जवानी , जिसकी सूरत , मुस्कराहट इतनी मासूम सी थी
जिसके सपने ,जिसकी नज़रे , जिसकी तस्वीर एक इबारत सी थी
उमर फ़ैयाज़ तेरी शहादत काबुल होगी अल्लाह की दरगाह में
शैतानों के नाम का ज़िकर भी न होगा दुनिया के इतिहास में
उमर फैयाज एक सच्चा हिंदुस्तानी , एक सच्चा भारती , एक सच्चा मुसलमान था।
अल्लाह इसे ज़न्नत में जगह दे ( गौरी)
Please do not look at this poem as a point of religion . This young soldier of India been abducted with fraud and brutally been killed by terrorists . Silence of the human right on these abducted soldiers is shocking . When will be Human Rights granted for Soldiers ??
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