Soldier's Soliloque - Kamlesh Chauhan(Gauri) "मेरे देश के जवानो का ठंडा जिस्म अपनों से बाते हुए कहता है।"
"मेरे देश के जवानो का ठंडा जिस्म अपनों से बाते करते हुए कहता है।"
(कमलेश चौहान (गौरी )
मेरे देश वासियो मैं कवि नहीं हूं , मुझे कविता नहीं आती। मेरे भारत वासियो मै कोई उपन्यासकार नहीं मुझे कोई कहानी भी लिखनी नहीं आती। जिस दिन मैंने जन्म लिया था भारत की भूमि पर उसी दिन से अपना नाम शहीदों में लिख दिया था।
मुझे जनम देने वाली जननी मेरी माँ , जब लायेंगे तिरंगे से लपेट कर मेरे बेजान जिस्म को तुम मझसे बाते करना , आँखों में आंसू मत लाना , तेरे आंसू मै पोंछ नहीं पायूँगा , माँ तेरी ही कोख़ में फिर बार बार जनम लुंगा , तू महान है मेरी माँ। काश ! मेरा भारत करे दुश्मनो पर अब युद्ध का ऐलान , आतंकवादियों को मत दो अपना बलिदान। मेरे साथ जो कारवाँ में आये है वह मेरे सिख भाई भी है , मुसलमान भाई भी है उनको भी दो अपना प्यार उनको भी दो मेरे जैसा सम्मान। फिर कहता हूं ,,
मेरी माँ , तू है एक शहीद की माँ मेरा ठंडा जिस्म देख कर रोना मत।
मेरे माननीय पिता ,मेरे जिस्म के सुखी खुन के छीटों को देख रोना मत।
कहना मेरी मासुम बहना को टुटा नहीं तेरी राखी का धागा तेरे भाई की कलाई से।
मेरा भाई देश के लिये आज शहीद हुआ गर्व से कह देना अपनी प्यारी सखीयो से।
मेरी जीवन संगनी काहे को है तू इतनी उदास , काहे को पोछा यह मांग का सिन्दूर।
मत तोड़ यह कलाई की चूड़िया उठा मेरे खून की बुँदे बना अपनी मांग का सिन्दूर।
कह देना मेरे ललने को , जो आज तेरी गोंद में खेल रहा है , जिसने अभी मुझे देखा भी नही।
हो कर बड़ा बन जाना अपनी भारत माँ का रखवाला ,आतंकवादियों के बारूदों से डरना नहीं।
सुनो एक बार मेरे देश वासियों भुलाकर धर्म और जात बनायो भारत को अपना धरम।
यही है अल्लाह,यही है राम यही है गुरु यही है धाम उठो करो देश के लिए शुभ करम।
(गौरी)
यह एक वीर की एक सिपाही की अपने से स्वयं से बात करने में विलाप है। यह कविता नहीं है। यह उस सिपाही के शब्द है जो आतंकवादियों को शहीद नही , बहादुर नही बल्कि इन्सानियत का दुश्मन मानता है। उसकी यह ललकार है देश के दुश्मनों से , मेरे भारत में की आत्मा को ललकारने वालो अगर हिम्मत है तो आमने सामने युद्ध करो। आतंकवाद फैलना कायरो का काम है। अपने देशवासी जो देश में नेता बन कर दुश्मनों की भाषा बोल रहे है उनके बीच रहते हुए अपने परिवार वालो को उत्साह देते हुवे अपना सन्देश दे रहा है कि उठो गर्व करो की हम देश पर कुर्बान हो गये। और आज से देश के हर सरहद पर सेना का जाल बिछा दो।
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