चिंतन मेरे मन का: मैं राहुल बाबा: "अगर राहुल जी से आज सच बोलने को कहा जाये और वे आंखे बंद करके सच कहने का फैसला करें तो कुछ इस तरह सच सामने आएगा - एक चिंतन कांग्रेसियों का..."
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क्या हिन्दू होना गुनाह हैं ? लेखिका : कमलेश चौहान (गौरी ) कैलिफ़ोर्निया के एक सर्रीटोस के एक शहर की शाम को सात बजे हज़ारों सवाल जाग्रति की ऐन. जी. ओ .के अधिवेशन में आये लोगो ने पूछे " क्या हिन्दु होना पाप है ? क्या हिंदुत्व देश को बांटता है ? क्या हिंदुस्तान को हिन्दुस्तान कहना गैर कानूनी है ?जब भी आता है लब पर हिन्दू नाम उसे संप्रदायिक क्यों कहा जाता? सबसे पहले गायक रचना ने देश भगती के गीतो से सभा के लोगो को अपने बिछड़े वतन भारत की याद दिलायी। उसके बाद डाक्टर गडसाली ने वन्दे मातरम के संगीत से श्रोतागणो को मुग्ध किया। उसके बाद अपना माइक मंच प्रबंधक जैश पटेल को दिया। जिन्होंने सभा के आने वाले सभी लोगों का धन्यवाद किया। हर्ष ध्रुव जो ओवरसीज बीजेपी के प्रधान है उन्हों ने लोगो को बताया कि जाग्रति ने हमेशा भारत की एकता के लिये कुछ न कुछ कार्यक्रम किया है जब कश्मीर में ह...
“Opposition Parties and Indian Media in India are threat to Present Narendra Modi Prime Minister of India “ Written By: Kamlesh Chauhan Many time I Often catch myself losing my control on my language as I am learning many bad and good words from Social Media which I am not proud of it. I used it unknowingly, unintentionally. I did soul searching and realized how my way of talking and writing have changed. I accept circumstances and social environment change me so I have to be real conscious when I speak and write in Public. Since my childhood, I have been very nationalists as my whole family always used to talk about Hindu religion, Love for India, Stories of Great Freedom Fighters and studying Hindu Purtans Gita and Mahabharata, Chanda Mama, Hindi Milap News Paper. Amar Chitra Katha , as well movies produced by many Patriotic Producers and Directors. All of sudden Instead of sweet courtships and sweet romance. Dirty Tactics to spread rapes and Pornography ...
उमर फैयाज की शहादत काबुल होगी अल्लाह की दरगाह में ले खिका : कमलेश चौहान ( गौरी) कैसे उठें होंगे उन शैतानो के हाथ एक मासूम के जिसम पर क्या गुजरी होगी उसकी माँ के दिल जिगर दिमाग पर माँ की चीखें गूँजती रही , कूंचो में , गलियों में दीवारों में किसी बहिन की फ़रियाद रोती रही इन्सानियत की भीड़ में तुम फरेब से उस मासुम को फुसलाकर अपने खेमे में ले गये नापाक हाथों से उस बेगुनाह पर जुलम की गोली बरसाते गये जिसकी जवानी , जिसकी सूरत , मुस्कराहट इतनी मासूम सी थी जिसके सपने ,जिसकी नज़रे , जिसकी तस्वीर एक इबारत सी थी उमर फ़ैयाज़ तेरी शहादत काबुल होगी अल्लाह की दरगाह में शैतानों के नाम का ज़िकर भी न होगा दुनिया के इतिहास में उमर फैयाज एक सच्चा हिंदुस्तानी , एक सच्चा भारती , एक सच्चा मुसलमान था। अल्लाह इसे ज़न्नत में जगह दे ( गौरी) Please do not ...
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