SC , ST ACT जात पात के नाम पर बनाया गया। देश के लिए घातक है ( गौरी )

  • कल मै पूरी रात  st or sc के बारे जानकारी लेती रही।  सुबह भी मैंने भारत में अपनों से फ़ोन करके   पूरी जानकारी ली कि  यह क्या  हो रहा है । कियों ऊंच जाती वाले इतना हल्ला कर रहे है।   हाला की ना तो मै भारत बंद के हक़ में हूँ ना ही नोटा के हक़ में। नोटा भी जिसने एवं में बनाया है वह भी देश के लोगो को भरमाने के लिए बनाया गया है।  यह नफरत पैदा करने वाला  बटन है। 
  •   लेकिन यह जो एक्ट  एससी   तथा एसटी बना है यह जात  पात को बढ़ावा  देता है।  मेरी   असल  चिन्ता इस बात में हुई कि बिना जांच कीये कानुन किसी साबुत के बिना किसी  जांच  के बिना  तत्काल   आप उसे जेल में कैसे  बंद कर सकते है?। 
  • विडम्ब्ना  यह है  जिनके सबुत है , हमारे देश की अदालत में  उसे हाउस अरेस्ट करती है  और पुलिस को एविडेंस पेश करने से रोकती है ?  यह सरसार अत्याचार है।  देश के साथ देशद्रोह  है।  यह अदालत है या  जमदूत का घर हैं?  देश को बर्बाद करने वाली अदालत है ?    यह सरासर धोखा  है।   यह एक बहुत गहरा  षड्यंत्र वा जुलम है जो की मोदी जी के खिलाफ  खेला  गया है।
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  • ऐसी अदालतों की मनमरजी  होने से  मासूम को भी गुनाहगार बना देगी ।  मै  राजपूत होने के नाते महलों में नहीं पली।  एक मध्यवर्गी परिवार में  पैदा हुई। आज तक हमारे परिवार को  कभी कोई आरक्षण नहीं मिला ?  कियोंकि मेरा सरनाम  राजपूत है और किसी का पूरा नाम पंडित है। याद आया मेरी एक दोस्त होती थी उसका   सरनेम कम्बोज था।   उस वक़त मुझे ऊंच जाती और नीच जाती का कोई ज्ञान नहीं था।  
  •   .   अधिक जानते हो वह हमारे राजपूत परिवार से भी अमीर थी।   फिर भी उसे स्कूल में मुफत किताबे तथा पैसे मिला करते थे। मैंने उसे कभी नहीं पूछा था कि  उसे किस बात के पैसे मिलते है।  आज जब झूठ बदनाम किया जाता है ऊँची जात  वालो को तो पता चला उसे कियों पैसे मिलते थे।  
  •   अभी हमारे घर में टेलीविज़न नहीं आया था कार नहीं आयी थी , मेरे पिता श्री सा साईकल पर काम पर जाया करते थे।  और हम सब बहिन भाई पैदल स्कूल  जाया करते थे।  वह कमबोज  नाम की लड़की  साईकल चलाकर स्कूल आया करती थी।  लेकिन उस वक़त वह मेरी सहेली थी।    
  • पंजाब में तो उनको हिन्दू के नाम पर प्रमोशन भी नहीं मिलती थी।   फिर भी हमारे कुछ अलगवादी भाई हिन्दू को बदनाम करते है।    मै यह पूछना चाहती हु देश में हिन्दू को ही बदनाम क्यों किया जाता है।  हिन्दू से ही इतनी नफरत क्यों।  पंजाब के हिन्दू अपने सिख भइओ से अपने भाई समझते है।   सिख हमारे भाई भी हैं।
  •     मेरी बड़ी बहन  घर में प्राइवेट  विद्यार्थियों  को पढ़ाया करती थी उसने शहर में बहुत इज़्ज़त कमाई थी ।  आज भी लोग उसके  काम को याद करते है।  हमारी स्कूल का नाम था कुमार अकादमी।     धीरे धीरे काम बडा  हम सब उसका साथ देने लगे। 
  •  हमारे  बड़े  भाई  परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालो   की किताबे लिखा  करते थे।  इस तरह हमारा परिवार आगे बड़ा। और हमने बड़े सुख आराम की ज़िन्दगी बितायी अपने डीएम पर सरकार   की भीख पर नहीं।  
  •   इसलिये  यह राजपूत ब्राह्मणों और उंच जातियों पर जुलम मत करो।  हमारा मीडिया भी इस बात का जिम्मेदार है।  किसी भी दुर्घटना में अगर कोई दलित है भी  नहीं  तो भी दुनिया के आगे उसे दलित  नाम देकर उच्च जात वालो को बदनाम करती है।  यह है दुर्भाग्य मेरे देश का।  इस लिए इस एक्ट में तबदीली लाये जाये।  आज भी बी जे पी से लोगो को उम्मीदे है।  यह हिन्दू सिख मुसलमान का सवाल नहीं।  अगर देश में सब का साथ चाहिए तो सब को एक नज़र से देखना  होगा। 
  •   आबादी कम करो।  यह धर्म बदलने की रीत ख़तम करो।  हमारा देश रिफ्यूजीयो को अभी रोटी नहीं दे सकता जब की हमारी थाली में भोजन नहीं।  घर से पहले भूख मिटायो।    मै अपने  उच्च  जाति  वालो से कहुंगी।  यह ऊंच जाती का नाम हमारी पहचान के लिए है।  नौकरी पाने के लिए है।  स्कूल में दखल लेने के लिए है।   , किसी के साथ धोखा और नीचे देखने के लिए नहीं।  जाति तो हर वर्ग में है केवल हिन्दु में ही नहीं।   वैसे भी दलित नाम किताबो से मिटना बहुत आवश्यक है। हटा दो इस नाम को यह  एक बदनामी और बर्बादी की और ले कर जाता है।    और लोगो को अपनी म्हणत  करने से रोकता है।  
  • हम सब हिन्दू है।   इस नाम से बहुत दुनिया में भोले भाले लोगो के साथ जुल्म हो रहा है।  अपराधी हर वर्ग में होते है।  सब जातियों में हैं , अगर यह काम कर सकती है तो बी जे पी  ही कर सकती  है , बल्कि मै  कहूँगी इस पर हर राजनीतिक पार्टी को एक साथ आकर  सुधार लाये।  यह एक्ट में  बिना जाँच किये ततकाल जेल करना गलत है।  सरासर  गलत है। 
  •   मोदी जी   देश की जरुरत  है।  मोदी जी इस काम के लिए आपकी पार्टी को आगे आना होगा।  बाकि ऊंच जाती वालो यह भारत बंद  यह नोटा वोट बंद करो।  दुनिया में  संघर्ष  करने के लिए   तय्यार हो जायो ।   दलित की बेटी है या ब्राह्मण की,  दलित की बेटी है या राजपूत की बेटी  है।  गुनहगार तो  गुनहगार है।  हमारी अदालत ने भी जान बुझ कर अपराधियों के लिए  आधी रात में  भी अदालते खोल देते है. जिसने भी ऐसा किया था वह सजा के पात्र है। 
  •  ३५  ए और ३७० की सुनवाई ही नहीं करते यह अदालत वाले  जान बुझ कर, कभी न्यायाधीश  सैर सपाटे  पर है और कभी यह कभी वोह ?  इस वक़त अदालत में सुधार बहुत आवशयक  है।  संघर्ष करना है तो अदालत के  न्यायधीशो पर करो।  देश को धोखा देने वाले देश का न्यायलय  है।  यह लोग देश  , सरकार  और लोगो पर  बिलकुल ध्यान नहीं देते।   सबसे ज्यादा  गदंगी   न्यायलय  में बैठे  जज  ने कानून  में लायी है।  एक मोदी कुछ नहीं कर सकता।  हा अब इस एक्ट पर आवाज उठायो।  मै भी सात समुन्दर पार इसके बारे आवाज उठायूँगी।  यह दलित नाम कोई नाम नहीं है।  हम सब हिन्दू है। ें दलितों ने पैसे के लिए अपना धर्म क्यों बदला इस देश में  हिन्दू मुसलमान का भेद भाव नहीं।  अगर इस्लामिक देश में सभी हिन्दू रहते है लेकिन उस देश को इस्लाम का राष्ट्र कहते है अगर भारत में कोई हिन्दू राष्ट्र कहता है तो इसका अर्थ यह नहीं की दूसरे धर्मो के साथ अन्याय हो रहा है।  ऐस सी तथा एस टी में सब सुधर  करो।  यह डिफेक्टिव है , जय हिन्द  ( गौरी )  
  • यह मेरे अपने व्यक्तिगत ख्याल है।  किसी देश  किसी जाती किसी धरम के साथ इस लेख कोई सम्बन्ध नहीं  है. मै  सब धर्मो की सब जातियों को एक सामान  समझती हु. कृपया मेरे इस लेख पर कोई नफरत और गली न दी जाए। मैं  सिख भी हु मै  हिन्दू भी हु धन्यवाद 

Comments

  1. Sc St act is not made for the uplift the poor and down trodden folks of the country but only for the uplifting the wicked, unpopular and power greedy Netas of India Who always
    use some or other type of devide and ryle policy

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