मैं भारत मैं की बेटी हूँ ? : लेखिका : कमलेश चौहान ( गौरी)
मैं भारत मैं की बेटी हूँ ? लेखिका : कमलेश चौहान ( गौरी) कोई मुझे हिन्दू कहता है , तो कोई कहता है कश्मीरी कोई मुझे पंजाबी , सिंधी सिख पहचान से जानता है कोई बोले है बंगाली , मद्रासी , कोई कहता है मुझे राजस्थानी। अरे ओह ! दुनिया वालो , मेरे दोस्तों, जवानों मेरे देश के दीवानो पुकारो , मुझे अनेक नामो से आवाज दे कर हज़ार बार पुकारो। , भले मैं अपने वतन से कोसो दूर हु , फिर भी गंगा जमुना की लहर हु मुझे गर्व है मैं हिन्दू की बेटी , मै अपने धरम की एक बुलंद आवाज हूँ। भले अपने वतन से कोसो दूर हु फिर भी दिलो जान से कहते है मुझे हिंदुस्तानी मै कही भी रहु , यहां भी रहु। मेरा वजुद की सांसो को सुगंध देती है मेरे वतन की माटी कोई बताये मै कैसे भूल जायूँ उस धरा को जिस पर सदियों पहले थी जन्मी , वतन की याद सताती है जिसकी हर सुबह लागे है मुझे सुहानी । (Gauri) नोट : न जाने किछ राजनीती के लालच में कुछ राजनितिक पार्टियों ने एक ढोंग सा रचा रखा है। पहले तो हमारे देश में जो रोज आतंकवादियों के