Posts

मैं भारत मैं की बेटी हूँ ? : लेखिका : कमलेश चौहान ( गौरी)

मैं  भारत मैं की बेटी हूँ ?  लेखिका : कमलेश चौहान ( गौरी)  कोई मुझे हिन्दू कहता है , तो कोई कहता है कश्मीरी कोई मुझे पंजाबी , सिंधी  सिख पहचान  से जानता है     कोई बोले है बंगाली , मद्रासी ,  कोई कहता है मुझे राजस्थानी।  अरे ओह ! दुनिया वालो , मेरे दोस्तों, जवानों   मेरे देश के दीवानो   पुकारो , मुझे अनेक नामो से  आवाज दे कर हज़ार बार  पुकारो।  ,   भले मैं अपने  वतन से  कोसो दूर हु , फिर भी गंगा जमुना की लहर  हु  मुझे गर्व है मैं  हिन्दू की बेटी , मै अपने धरम की   एक बुलंद  आवाज हूँ।    भले  अपने वतन से कोसो दूर हु   फिर भी दिलो जान से  कहते है मुझे हिंदुस्तानी  मै कही भी रहु , यहां भी रहु।  मेरा  वजुद  की   सांसो को सुगंध देती है मेरे वतन की माटी     कोई बताये मै कैसे भूल जायूँ उस धरा को जिस पर  सदियों पहले थी जन्मी  ,  वतन की  याद सताती है जिसकी हर सुबह लागे है मुझे सुहानी । (Gauri) नोट : न जाने किछ राजनीती के लालच में कुछ राजनितिक पार्टियों ने एक ढोंग सा रचा रखा है।  पहले तो हमारे देश में जो रोज आतंकवादियों के
लोग अक्सर सवाल करते है। लेखिका : कमलेश चौहान गौरी September 19, 2018 लोग अक्सर  सवाल करते है।  लेखिका :  कमलेश चौहान गौरी  मुझे  याद है दो साल पहले  जब मैं   भारत  अपने उपन्यास  बुक लांच करने   गयी , मैंने  जहाज से उतरते ही  अपनी भारत की माटी को चुमा  और माथे पर लगाया।  यह मै   हमेशा जब  भी  कभी  शादी के बाद भारत गयी तो  मैं   तब से   जहाज की    सीढ़ियों  से नीचे उतरते ही    सबसे पहले  यही  किया   करती थी। मेरा भारत एक तीर्थ स्थान है मेरे लिए।     खैर   अब तो  जहाज  की   सीडिया  से   उतरना ही नही   पड़ता।   बस जहाज से बाहर   निकलो  तो हम कस्टम और लगेज चेकिंग में आ जाते है।       हा  तो   कुछ दिन रुक कर अपने रिश्तेदारों  के साथ   दिल्ली  से मुझे  मुंबई जाना था।  साथ में कुछ रिश्तेदार थे।  जिनके पास पैसा भी था और कारे भी।   फिर भी भारत के बारे शिकयात कर रहे थे।   आबादी पर तो कोई नियन्त्र नहीं।   हिन्दवो  ने तो   दो ही बचो पर रोक लगा दी कुछ नान  हिन्दुस् ने चार चार शादिया कर के  खूब यश कमाया  आबादी बड़ाने में।  सरकार उन्हें रोके तो  विपक्ष बवाल खड़ा करदे।  बस

मोती डोगरी महल की चोरी। कहा गया खजाना ?

Image
मोती डोगरी महल की चोरी।   कहा गया खजाना ? लेखिका : गौरी  लेखिका : गौरी  मेरे कुछ  राजपूत भाई मेरे से नाराज हो जाते है कि मैं  नोटा तथा भारत  बंद का विरोध क्यों करती हु? जब मै  महाराजा  पृथ्वी राज चौहान से जयचंद  के धोखे का वर्णन करती हु तो मुझे कहा जाता है यह  झूठ है।  मान सिंह चौहान का राजपुतो के विरोध में अकबर का साथ देना  इस पर भी कहा जाता है कि  झूठ है।  मुझ पर आरोप लगाया जाता है कि मैं राजपुतो का झूठ प्रचार करती हूँ।  मेरे दिल को बहुत ठेस पहुँचती  है।   मेरे  भाइयों यह आपकी  धारणा बिलकुल गलत हैं। मैं भी  आरक्षण   के मामले में आपके साथ हूँ।  मैं भी चाह्ती हु की बिना जांच के किसी को  जेल में नहीं डालना  चाहिये।  लेकिन मोदी जी  को गाली  देना, नोटा  की धमकी और भारत बंद करना  सारासार  देश से , राष्ट्र से को बहुत बड़ी साजिश का साथ देना  है।  सबसे पहले राष्ट्र , उसके बाद देश , उसके बाद समाज और धरम।  राष्ट्र नहीं रहेंगा तो देश कैसे रहेगा ??  देश नहीं रहेगा तो  समाज और  धरम कैसे बचेंगें??  आपकी यह जिद और बदले की भावना राष्ट्र और देश को गुलामी की ज़ंजीरो में बांध देगी।   कहते

SC , ST ACT जात पात के नाम पर बनाया गया। देश के लिए घातक है ( गौरी )

कल मै पूरी रात  st or sc के बारे जानकारी लेती रही।  सुबह भी मैंने भारत में अपनों से फ़ोन करके   पूरी जानकारी ली कि  यह क्या  हो रहा है । कियों ऊंच जाती वाले इतना हल्ला कर रहे है।   हाला की ना तो मै भारत बंद के हक़ में हूँ ना ही नोटा के हक़ में। नोटा भी जिसने एवं में बनाया है वह भी देश के लोगो को भरमाने के लिए बनाया गया है।  यह नफरत पैदा करने वाला  बटन है।    लेकिन यह जो एक्ट  एससी     तथा एसटी  बना है यह जात    पात को बढ़ावा  देता है।  मेरी   असल  चिन्ता इस बात में हुई कि बिना जांच कीये कानुन किसी साबुत के बिना किसी  जांच  के बिना  तत्काल      आप उसे जेल में कैसे  बंद कर सकते है?।  विडम्ब्ना  यह है    जिनके सबुत है , हमारे देश की अदालत में    उसे हाउस अरेस्ट करती है  और पुलिस को एविडेंस पेश करने से रोकती है ?  यह सरसार अत्याचार है।  देश के साथ देशद्रोह  है।  यह अदालत है या  जमदूत का घर हैं?  देश को बर्बाद करने वाली अदालत है ?    यह सरासर धोखा  है।   यह एक बहुत गहरा  षड्यंत्र वा जुलम है जो की मोदी जी के खिलाफ  खेला    गया है।   ,  ऐसी अदालतों की मनमरजी  होने से   मासूम को

Was Johwer was aggression to women or to escape abduction, Slavery and Cruelty? Written By Kamlesh Chauhan (Gauri) CopyrighT)

Close Note 2 Reads Written By Kamlesh Chauhan (Gauri) Copyright @Jagriti Aren’t you amazed by the Directors of Bollywood, Some Political Leaders and the Reaction of Indian Media? First of all I am totally against Threats, Violence and Showing Violence in Movies as well in real life. This is not new when it comes to Bollywood. For last 70 years Bollywood is distorting history of India in the name of Freedom of Speech. There should be some principles on Freedom of speech where we don’t hurt any race, Rituals, History, Civilization and the emotions of people. Rajputs clan are known for their Valor, Pride and Dignity. Now question is then why they bent on Violence in the streets. Before we respond to this, let’s go check the record of his past movies. Which is pretty bad. We all know Sanjay Leela Bhansali has hurt the Bengali communities by distorting the facts of Novella” Dev Dass “written by Sharat Chander. Sanjay Leela Bhansali has no imagin

नयी पीढ़ी , नयी फसल ,, नयी हड्डिया और पुराणी हड्डिया : Lekhika Gauri

नयी पीढ़ी , नयी फसल ,, नयी हड्डिया और पुराणी हड्डिया KAMLESH CHAUHAN · THURSDAY, DECEMBER 21, 2017 16 Reads Gauri कभी वह ज़माना था जब हमारे कम पड़े लिखे माँ बाप। नाना सा नानी सा , फुफा फुफी। मासी सा मौसा सा यह सिखाया करते थे बड़ो से कैसे बात करते है। गलती न होने पर भी किसी बात पे ज़िद करने पर माफ़ी मांगने पर विवश किया करते थे। लेकिन यह कैसा जमाना है ? हार्दिक पटेल, कन्हैया कुमार, अल्पेश ठाकोर और जिगनेश मवानी जैसी औलाद को किसने जनम दिया ? कौन देता है इनको पैसा ? कहा से आये है यह लोग जो अपनी मातृभूमि को भी बेच रहे है ? कौन है इन लोगो के पीछे ? कौन पैसा खिला रहा है इनको ? यह कैसा पालन पोषण है या फिर उनकी संगत कैसी है जिनके अपनी ज़ुबान से शब्द निकालते वक़त उनकी बुद्धि घास चरने चली जाती है कि उनके घर में भी उनके पिता की हड्डियां सेकने के लिये कहा भेजा जाये ? युवायो की ज़ुबान ख़राब की जा रही है और कितनी बदतमीज़ी है कितनी नीचता है इन इन लोगो में की बड़ो को गाली दे कर कहते है मैं तो गाली दूँगा ? कितने निर्लज है यह दो दो टके के मोल पर बिकने वाले, कल

Sindh and Baluchistan needs to be free

Image
PLIGHT OF REFUGEES HIGHLIGHTED ON UN REFUGEE DAY 7/19/2017 0 Comments ​BY DEVIKA C. MEHTA ARTESIA, CA - Tragedies are real, memories are painful and voices incoherent when the loss of refugees, their household and partition flashbacks come to mind. The  ordeal  has been a part of daily life not just for Indians, but for people of many other regions across the world, who together joined hands recently to ease the suffering... on the occasion of World Refugee Day. Coming forth, two US based non-profit organizations marked the day with a show of strength and discussions that awakened people about the issues many communities have been facing for a long time now. For the fifth time in a row, the Kashmiri Hindu Foundation and Jagriti, along with many Indo-American families came together to commemorate United Nations World Refugee Day at Tara’s Himalayan Cuisine here on July 16. The event saw the presence of world leaders from Balochistan, Sin